Thursday, January 24, 2013

देश की सरकार अगर हिंदुत्व और सनातन संस्कृति को मिटने सा स्वपन देख रही है तो , याद रखना होगा जब कभी किसी ने ऐसा सोचा भी तो उसका और स्वयं का विनाश हुआ ।
मुस्लिम प्रेम और वोट की मनिकता से ग्रस्त इश विदेशी सरकार और उसके काले अंग्रेजो को कभी भूलना नहीं चाहिए की हिन्दू समाज शांति पर प्रेम का प्रतिक है तो शौर्य का प्रतिबिम भी है जिस भगवा का अपमान करने से ये विधर्मी हिन्दू कांग्रेसी नेता इतिहास को याद कर ले ।


जो सनातन नहीं मिटा लंकेश की तलवार से ।
जो सनातन नहीं मिटा कंश की हुनकर से ।
वो सनातन क्या मिटेगा आज की सरकार से ।।

इस सच्ची सनातन संस्कृति को मिटने वाले खुद ही मिट गए और अपने अस्तित्व को गवा बैठे ।
हिंदुत्व को जगा के कहीं गाँधी - नेहरु परिवारवाद का अंत ही न हो जाये ।

Wednesday, January 23, 2013

मुह में अल्लाह बगल में मुल्ला के विचारो पर इन्डियन सरकार 

24 जनवरी 2013 ।

भारत और पाक से संबंधो को लेकर आजा कल शिंदे और दिग्गी कुछ ज्यादा ही चिंतित नजर आ रहे है , राजस्थान के चिंतन शिविर से निकलने के बाद कांग्रेसियों की चिंता बढ़ गई है इशी लिए संघ , भाजपा और भगवा को आतंकवादी घोषित करके कांग्रेस पाक में बैठे अपने हुक्मरानों और आतंकियों को शय दे रही है या हिन्दुओ का विनाश करने का शंखनाद कर रही है ।
कल मैंने देखा सत्यव्रत चतुर्वेदी को टीवी पर बोलते हुए की हिन्दुओ को आतंकी बोल दिया तो क्या बुरा कहा तुम भी तो मुस्लिम को आतंकी कहते हो ,चतुर्वेदी को अपने हिन्दू होने पर लाज आती है तो हिन्दुओ ने पूरी छुट दी है धर्म बदलने की लेकिन इन कोंग्रेसियो को किसने अधिकार दिया की हिन्दुओ की शान और त्याग का प्रतिक भगवा का अपमान करने का अधिकार किसी विधर्मी को नहीं और नहीं किसी धर्मी को , भारत के तिरंगे का एक रंग भगवा ही है फिर ऐसे में क्या ये तिरंगे का अपमान नहीं है ?
ऐसे में पाक से भारतीय सिपाहियों के सर काटने वालो को 5 लाख का इनाम देने की घोषणा की बात का प्रमाण है हिना रबानी को सुषमा स्वराज का बयाँ भड़काने वाला था तो हिना और पाक सेना प्यार की भाषा बोल रही है क्या ?
देश की सरकार न सिर्फ कमजोर बल्कि ऐसे हाथों में हो जो केवल मुस्लिम और विदेशी हितो की बात करती है , पाकिस्तान का बनना केवल गाँधी और नेहरु की निति थी और आज देश फिर से ऐसे इस्थिति में है और कांग्रेस देश की पार्टी नहीं है बल्कि विदेशी पार्टी है जो भारत में रह कर विदेशी और मुस्लिम देशो के लिए काम करती है , भारतीय आज न देश में महफूज है और नहीं सरहद पर तो विदेश में कैसे सुरक्षित रहेंगे ।
जिस पाक की औकात एक वक़्त की रोटी की नहीं है देश में गरीबी है और वो आतंक जो जनम देने में विश्व भर में प्रसिद्ध है वो आज भारत की सरकार और सेना को आँखे दिखा रहा है और धमकिया दे रहा है क्यों ? की ऐसा मुमकिन इश लिए हुआ है क्यों की मनमोहन और कांग्रेस माता सोनिया की नीतिया देश के हित में नहीं विदेशी ताकतों के लिए काम कर रही है जिसका परिणाम सामने नजर आ रहा है ।


Tuesday, January 22, 2013

हाफिज सईद की नाजायज औलाद कांग्रेस पार्टी और शिंदे -दिग्गी ।

कांग्रेस के चिंतन शिविर की अगली सुबह शिंदे को भी आतंकवाद की याद आई लेकिन अपने नाजायज़ बाप हाफिज सईद का नाम लेने के बजाय हिन्दू राष्ट्र के लिए अपना तन -मन और धन समर्पित करने वाले संघ को ही आतंकवादी बोल दिया । हाफिज सईद जैसे आतंकी को शय देना इनका पुराना धंधा है , सेक्युलर जमात चंद सवालो के जवाब दे दे ईमानदारी से
1. भारत और पाकिस्तान का विभाजन किस आधार पर हुआ था और क्यों हुआ था ?
2. जब हिंदुस्तान और पाकिस्तान बना तो पाक के लिए धर्म आधारित संविधान और भारत के लिए पंथ आधारित संविधान क्यों ?
3. मुस्लिम को जब पाक दिया गया तब गाँधी ने उन्हें यहाँ रहने को क्यों कहा ?
4. मुस्लिम आरक्षण संविधान के विरुद्ध है तो क्यों दिया गया ?
5. न्यायपालिका के विरोध के बाद भी धर्मांतरण लालच और डरा  के क्यों  और किसके इशारे से कराया जा रहा है और सरकार चुप क्यों है ?
6.दोगली निति के तहत हिन्दुओ के साथ भेद भाव क्यों ?
7. हिन्दुओ और खुले आम मरने की धमकी पर नेताओ में शांति और खुद को हिन्दू बोलने पर मणिशंकर अय्यर जैसे कांग्रेसी का बोलना की हिन्दू बोलने वाले को सजा दो ।
8. उत्तर प्रदेश में 6 माह में 9 दंगे नेता, समाजवादी , मानव अधिकार आयोग  चुप क्यों ? गुजरात पर कुत्ते की तरह क्यों भोकते है ?

मुझे समझ नहीं आता की मणिशंकर और नेताओ को हिन्दू बोलने वालो से क्या परेशानी है , इन मूर्खो को सनातन संस्कृति का विनाश करने वाला सेक्युलर बनना है काले इन अंग्रेजो का विनाश जब होगा तो मुस्लिम  देश देखेंगे और बस यही कहेगे
जो हिन्दू हित का काज करेगा वही दिलो पर राज करेगा ।

सुशील कुमार शिंदे,  जयपुर में बोले  कि,उसके पास एक रिपोर्ट है जिसके मुताबिक बीजेपी और आरएसएस के कैंपों में हिंदू आतंकवाद की ट्रेनिंग दी जाती है.

ये रिपोर्ट इनके  पास आ गयी मगर -
इसकी नाक के नीचे आजाद मैदान में हुयी रेली इसे पता नहीं चली जिसमे पाकिस्ता
नी झंडे दिखाये गए ?
शहीदों के स्मारक का अपमान इसे नहीं पता चला ?
इसे हेदराबाद में इसके जायज और नाजायज भाई भतीजों के कारनामे नहीं दिखायी देते ?
इसे सिमी की गतिविधियां नहीं दिखायी देती ??????

इसे असम और प .बंगाल में हुयी बंगलादेशी घुसपैठ नहीं दिखाई देती ?
इसे बुखारी के बयान नहीं सुनाई देते ?
इसे कश्मीरी आतंकवाद नहीं दिखयी दिया काश्मीर से हिन्दुओ का बेघर होना नहीं दिखायी दिया ?
इसे पाकिस्तान और बंगलादेश के प्रताड़ित होते और कम होते हिन्दुओं की संख्या नहीं दिखायी देती ?
इन सब से सम्बंधित कोई रिपोर्ट नहीं है क्या इनके पास ?

Monday, January 21, 2013

देश हित में नहीं है राष्ट्रवादियो को आतंकवादी कहना और आतंकवादियों को सम्मान ।
कांग्रेस की विदेशी मानसिकता और कांग्रेसियों की मानसिक गुलामी का प्रतिक है शिंदे 

21 जनवरी 2013 ।
देश के गृह मंत्री सुशिल कुमार शिंदे ने दिग्गी राजा और चिदम्बरम के बाद संघ को समाप्त करने का प्रण सोनिया गाँधी और बुधु युवराज से किया होगा इशी लिए संघ को आतंकवादी बताने का महान कम किया है , लेकिन ये कांग्रेसी क्यों भूल जाते है की नेहरु जो इनका पिता था उसने भी संघ की राष्ट्र भक्ति का सम्मान करने में कोई संकोच नहीं दिखाया और 26 जनवरी 1963 की परेड में संघ को पुरे गणवेश में आमंत्रित किया था ।
संघ और हिंदूवादी संगठनो के त्याग और बलिदान को कांग्रेस बेहसक भुल गई हो लेकिन देश की जनता को झूठ बोल कर केवल व अनपी कब्र खोद रही है , शिंदे जब पाक के सबसे बड़े आतंकवादी को श्री हाफिज सईद बोल कर देश और देश की सेना का अपमान करते है वो भी संसद में जो लोकतंत्र  का मंदिर है तो इशे ज्यादा तुछ मानसिकता का परिचय ये कांग्रेसी और क्या दे सकते है , हल ही में मुझे याद है किसी कांग्रेसी सांसद ने कहा की संघ सही मायने में राष्ट की आराधना करता है ।
केवल मुस्लिम के लिए संघ और भगवा जो की हिन्दू समाज का पवित्र और सहष  का प्रतिक है उसका अपमान करके बार बार ये मुर्ख और धूर्त कांग्रेसी क्या दर्शन चाहते है क्या ये केवल सोनिया को अपनी माँ मानते है और माँ भारती के सच्चे अरधाको को अपमानित करके अपने कद को ऊपर उठाना चाहते है और राजनीती सिद्ध कर मुसलमानों का वोट लेना ही इनका एक मात्र लक्ष्य है ।
 और हिंदुत्व की रक्षा करने वाले संघ परिवार को आतंकवादी बोल देने से कुछ नहीं होगा अगर सत्य है तो प्रमाण दे कर संघ पर आजीवन प्रतिबन्ध क्यों नहीं लगा देते 60 वर्षो के सत्ता की कमान इन्ही धूर्त कोंग्रेसियों के हाथों में रही 3 बार संघ पर प्रतिबद्ध के बाद इन्हें लजित हो कर सम्मान से प्रतिबन्ध हटाना पड़ा ।
आज अपने बुरे वक़्त में इश विदेशी कांग्रेस ने काले अंग्रेजो को खड़ा कर  दिया है मुसीबत भागने के लिए, जब भारत अंग्रेजो का गुलाम था तब भी काले अंग्रेजो का प्रयोग किया गया और आज भी वही हो रहा है दिग्गी , शिंदे ,मनीष तिवारी , सभी उसी श्रेणी में आने वाले काले अंग्रेज है ।
हिन्दुओ का इतना अपमान शिंदे और दिग्गी करते है और फिर भी जीवित है मुस्लिम का अपमान करो और दिखाओ की तुम सेक्युलर है नपुंशक नहीं ।

Thursday, January 17, 2013

पाक की नापाक कारिस्तानिया और भारतीय उदारवाद की नेहरु-गाँधी नीति की देन है सरहद पर तनाव 

देश जिस दौर से गुजार रहा है ऐसी विकट परिस्थिति न तो अंग्रेजो के समय थी और नहीं मुगलों के , 
आज हम सेकुलरवाद से ग्रस्त समाज के अपने ही कमजोर लोगो और सरकार के गुलाम बन कर रह गये है , हमारे देश की सरकार को केवल महगाई और मुस्लिम ही एक मात्र विकल्प नजर आते है ।
वर्तमान की सरकार न केवल महगाई को बढ़ावा दे रही है बल्कि समाज के निम्न वर्ग को पूर्ण रूप से समाप्त करने की प्रेरणा से ग्रस्त नजर आ रही है । 
ये एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है ,जिसके अंतर्गत देश में माध्यम वर्ग और निम्न वर्ग को गरीब बना कर धर्मान्तरण के लिए मजबूर किया जा सके , भारत की सांस्कृतिक और अध्यात्मिक वयवस्था को छिन विछिन करने का षड्यंत विदेशों में बैठे इस्लाम और ईसाइयत के रहनुमा कर रहे है और देश की भूमि पर नेता उसे जमीनी हकीकत बना रहे है ।








Wednesday, January 16, 2013

क्या भारत का हैदराबाद पाकिस्तान का हैदराबाद बनता जा रहा है?


भारत के हैदराबाद में स्थित एक विश्वविद्यालय में “गऊ मांस उत्सव” मनाया गया और वहां की पुलिस ने आयोजकों पर कार्यवाही करने की जगह  इस घृणित कांड का विरोध करने वाले  विद्यार्थियो पर कार्यवाही की। इस खबर को पढ कर किसी भी व्यक्ति की पहली प्रतिक्रिया यही होगी कि यह खबर पाकिस्तान के हैदराबाद की होगी जहां गैरमुस्लिमो की भावना का सम्मान नहीं होता और वहां का मुस्लिम समाज उन पर मनमाने अत्याचार करता है। वहां पर मुस्लिम समाज के द्वारा मंदिरो पर हमले होते है, दिन दहाडे गाय काटी जाती है, हिन्दुओं की लडकिया उठाई जाती हैं और हिन्दु विरोधी भाषणों की भरमार रह्ती है। किंतु अगर कोई हिन्दू अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों के विरोध मे आवाज उठाने की हिम्मत करता है तो उसकी आवाज कुचल दी जाती है।या तो उसे कट्टरपंथी जान से मार देते है या” ईश-निन्दा” के आरोप मे उसे कानूनन प्राण दंड दिया जाता है । अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी इस अत्याचार के विरोध मे कोई आवाज सुनाई नहीं देती।
आज भारत के हैदराबाद में भी यही स्थिती निर्माण करने की कोशिश की जा रही है। मुस्लिम कट्टरपंथी आज वही सब काम करने की कोशिश करते है जो केवल पाकिस्तान मे ही संभव है। दुर्भाग्य से यहां के सेक्युलर राजनीतिक दल मुस्लिम वोटों के लालच में इन कट्टरपंथियों पर लगाम लगाने की जगह इनके हाथ की कठपुतली बनकर हिंदू समाज पर अमानवीय अत्याचार करते है । अगर हिंदू समाज के कुछ लोग इसका विरोध करते  है तो सबसे पहले मुस्लिम कट्टरपंथी  उन पर हमला करते है और उसके बाद प्रशासन उनके गुलाम की तरह हिन्दू  नेताओं पर झूठे केस बनाकर उनकी आवाज को निर्ममता से कुचलने की कोशिश करता है । उस समय देश के मानवाधिकारवादियो को लकवा मार जाता है , तथाकथित बुद्धिजीवियो की जबान सुन्न हो जाती है और  “राष्ट्रीय”  मीडिया के सिपाही कुम्भकर्णी नींद मे सो जाते हैं। वैसे तो निजामशाही के समय से ही वहा पर हिन्दू समाज की स्थिती दूसरे दर्जे के नागरिक की थी। आजादी के बाद सोचा गया था कि अब स्वतन्त्र भारत मे सभी नागरिकों स्थिती समान होगी और एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में सभी धर्मावलम्बियो के साथ समान व्यवहार होगा। परन्तु शासको के बदलने के बावजूद हिन्दू समाज की नियति नही बदली। पहले वह मुस्लिम शासको द्वारा इस्लाम के नाम पर कुचला जाता था , अब उसका दमन धर्मनिरपेक्षता के नाम पर किया जाता है।  वहा पहले भी गऊ हत्या खुले आम होती थी, अब भी उस पर रोक लगाने का काम करने वाले कानून की निगाहों में अपराधी माने जाते है। पहले भी वहां हिन्दू मन्दिरो पर हमले किये जाते थे , अब भी वे अपनी ताकत दिखाने के लिये सबसे पहले हिन्दू मंदिरो पर ही हमला करते है और कानून के रखवाले सोते रह जाते हैं। विश्व मे कही भी मुस्लिम समाज का झगडा हो , उसका सबसे पहले नजला हैदराबाद के हिन्दू समाज पर ही उतारा जाता है। मक्का मे शिया-सुन्नी विवाद हो या हजरत बल की चोरी का मामला हो,भुट्टो की फांसी का मामला हो या जनरल अयूब की विमान दुर्घटना मे मौत हो, ओसामा के विरुद्ध अफगानिस्तान मे अमेरिका द्वारा कार्यवाही हो या पाकिस्ता्न मे घुसकर ओसामा को मौत की सजा हो, संसद पर हमला करने वाले अफ्जल गुरू को फांसी की सजा हो या सिमी पर प्रतिबंध लगाया हो, सल्मान रश्दी द्वारा सैटानिक वर्सेज लिखा गया हो या तस्लीमा नसरीन द्वारा लज्जा का लेखन हो, ६ दिस.१९९२ को बाबरी ध्वंस की गौरवशाली घटना हो या गोधरा मे ५९ हिन्दूओ की निर्मम हत्या के बाद गुजरात के समाज का प्रतिकार हो, इस प्रकार की सभी घटनाओं में पहले हैदराबाद के हिन्दू  मन्दिरो पर हमला होता है और उसके उनकी दुकाने जलाई जाती हैं और उनकी बहन बेटियों की अस्मत को लूटने की कोशिश की जाती है। शायद मुस्लिम समाज वहा के हिन्दू को गली का कुत्ता समझने की कोशिश करता है जिस पर गली के बिगडैल बच्चे सबसे पहले अपना गुस्सा निकालते हैं। परन्तु १९४७ के बाद भी इन सब जघन्य अपराधो को करने वाला कोई भी अपराधी पकडा नहीं गया अपितु उनको राजनीतिक संरक्षण ही मिला है।
इसी का परिणाम है कि आज हैदराबाद जेहादी आतंकवादियो का अभयारण्य बन गया है। सम्पूर्ण भारत मे कही भी आतंक की घटना करने वाले यहीं पर शरण पाते हैं। यहां की पुलिस उनके संरक्षक के रूप में काम करती है और अगर किसी अन्य राज्य की पुलिस इन आतंकियो को पकडने के लिये यहा आ भी जाये तो यहां का मुस्लिम समाज उनकी ढाल बनकर सुरक्षा बलो का मुकाबला करता है। गोधरा कांड को अंजाम देने वाले हो या संसद पर हमला करने वाले हो, सूरत मे बम विस्फोट करने वाले हो या पुणे मे आतंक फैलाने वाले हो सभी यहा सम्मान और सुरक्षा के साथ रहते है जब तक कि उन राज्यो या केन्द्र  के सुरक्षा बल वहा नहीं पहुंच जायें। इसीलिये कई बार लोग हैदराबाद को मिनी पाकिस्तान भी कहते हैं।
पिछले दिनो भाग्यलक्ष्मी मंदिर मे पूजा हो रही थी । तभी नमाज का समय भी हो गया। मौलवी के धमकाने पर वहा की पुलिस के कुछ सिपाहियो ने मंदिर की घंटियां पकड ली। इस घटना के विरोध मे वहा का हिन्दू आक्रोशित हो गया और अगले ही दिन हजारो युवक उस मन्दिर के बाहर एकत्रित हो गये और कई घन्टे तक वहा की घंटियां बजाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। उसके बाद वहां रामनवमी की शोभायात्रा निकालने का अवसर आया । वहा के मुस्लिम सांसद और विधायक ने इस प अपना विरोध जताया। उनके विरोध के कारण प्रशासन ने इस पावन शोभायात्रा को अनुमति नही दी। हिन्दू समाज ने इसको चुनौती के रूप मे लिया और लाखो की संख्या मे इस शोभा यात्रा मे हिन्दुओं ने भाग लिया। इसके बाद हनुमान जयन्ति के पावन दिवस पर निकलने वाली शोभा यात्रा के साथ भी जब यही व्यवहार हुआ तो हिन्दू समाज ने इसका भी उसी तरीके से जवाब दिया। ऐसा लगता है कि अब हिन्दू अपने ही देश मे अपने साथ हो रहे इन अपमानो से थक चुका है। वह अब इन देश विरोधी और हिन्दू विरोधी शक्तियो का मुंह तोड जवाब देने का मानस बना चुका है। शायद हिन्दू का यह  जागरण मुस्लिम नेताओं को हजम नहीं हुआ और हनुमान जयंति के अगले ही दिन एक गाय की हत्या कर उसका कटा सिर एक मंदिर मे फेंकने का दुस्साहस किया गया। जब वहा के कुछ युवको ने इस घटना के विरोध मे प्रदर्शन किया तो उन पर हमला कर के ४ लोगो को गम्भीर रूप घायल कर दिया। इस हमले का नेतृत्व करने वाले वही लोग थे जिन्होने हरेन पण्ड्या की हत्या की थी परन्तु प्रशासन उनको अभी तक नहीं पकड पाया है। इसके बाद उस्मानिया विश्वविद्यालय मे ”गऊ मांस उत्सव” मनाने का दुस्साहस किया गया। इसका भी हर प्रकार का विरोध किया गया। परन्तु इस मामले में भी अपराधी आजाद है और विरोध करने वालो को ही गिरफ्तार किया गया है।उस्मानिया विश्वविद्यालय के इन लोगो को कभी हैदराबाद की इज्जत का ध्यान नही आया क्योंकि अब यह शहर अरब के शेखो की वासना की मन्डी बन चुका है। इन पथभ्रष्टों को कभी आतंकवाद या बंग्लादेशी घुसपैठिया विरोधी दिवस मनाने का नहीं सूझा। शायद ये लोग इन राष्ट्र विरोधियो के साथ मिलकर न केवल हिन्दू समाज अपितु भारत के विरोध मे ही काम कर अपने जीवन को धन्य समझते हैं। परन्तु’ अब वहां के हिन्दू समाज ने तय कर लिया कि चाहे प्रशासन इन दुष्टो की सहायता करे परन्तु वे अब अपन अपमान बर्दाश्त नही करेंगे और प्रजातांत्रिक तरीको इन देश विरोधी गतिविधियों का सशक्त प्रतिकार करेंगे तथा पाकिस्तान के हैदराबाद  का रूप लेते जा रहे अपने हैदराबाद को भाग्यनगर का प्राचीन गौरव वापस दिलाकर ही रहेंगे।

अयोध्या की पावन धरती पर फिर बाबरी षडयन्त्र

हिन्दू विरोधी षडयन्त्रों की कुख्यात सूत्रधार तीस्ता शीतलवाड ने अब अयोध्या अपने जाल बुनने शुरू कर दिये है। इस बार फैजाबाद की एक मस्जिद से प्रकाशित होने वाली उर्दू पत्रिका “आपकी ताकत” पर कथित हमले को लेकर बहाना बनाया गया। पिछले दिनो अयोध्या और उसके आसपास के हिन्दू समाज पर हुए हमलो के कारण जो परिस्थिती बनी, उनके परिणाम स्वरूप मस्जिद के बाहर बनी दुकानो को क्षति पहुची। यह महत्वपूर्ण तथ्य है कि इन दुकानो के स्वामी अधिकतर हिन्दू है। आग इस प्रकार लगी कि मस्जिद के भवन को कोई क्षति नही हुई।मस्जिद के अन्दर से चलने वाले अखबार के कार्यालय को नुकसान होने का तो सवाल ही नही था ।इसके बावजूद यह प्रचार किया गया कि इस उर्दू अखबार पर हमला किया गया ।इस आग से किसी का नुकसान हुआ या नही, परन्तु इस आग मे हाथ सेकने के लिये तीस्ता सीतलवाड शूर्पणखा की तरह कूद पडी। उसने प्रेस कौंसिल के अध्यक्ष जस्टिस काटजू के यहा गुहार लगाई और इस मामले को पत्रकारिता पर हमले की तरह प्रस्तुत किया। जस्टिस काटजू शूर्पणखाई अदाओ से द्रवित हो गये और उन्होने एक जांच बैठा दी। जांच से किसको आपत्ति होगी परन्तु इस जांच का काम सौपा गया एक पुराने वामपंथी को जिनके हिंदू विरोधी तेवर किसी से छिपे नही हैं । उन सज्जन का नाम है, श्री शीतला सिंह। ऐसा लगता है कि इस जांच की आड मे अयोध्या और उसके आसपास चल रहे हिन्दू विरोधी षडयन्त्रो को  छिपाने का प्रयास किया गया है ।रामलला की बाल लीला के केन्द्र रहे अयोध्या के क्षेत्र मे अब हिन्दू समाज को ही दबी-कुचली स्थिती मे लाया जा रहा है । प्रभु राम ने तो लंका को जीतने के बाद भी वहां अपना राज्य स्थापित नही किया था परन्तु अब अयोध्या मे रावण का साम्राज्य स्थापित करने की कोशिश की जा रही है।
मुस्लिम वोटो को रिझाने के लिये रामजन्म भूमि के नजदीक इस्लामिक केन्द्र बनाने का प्रयास प्रारम्भ हो गया है। इसके लिये केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की मिली भगत है। इसके क्या परिणाम हो सकते है, इसकी झलक अभी से दिखने लगी है। पहले फैजाबाद मे एक मूर्ती को खन्डित किया गया।प्रदेश सरकार की कठपुतली पुलिस ने असली अपराधियो पर हाथ ही नही डाला। उसके बाद वहा के मुस्लिम समाज की हिम्मत इतनी बढ गयी कि फैजाबद, रुदौली,भदरसा, फुलवरिया समेत दसियो स्थानो पर माता दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन यात्राओ पर हमले किये गये और पवित्र प्रतिमाओ को अपमानित करने की कोशिश की गई। इन शोभायात्राओ मे शामिल महिलाओ के कपडे फाडे गये और इन पर जगह-जगह पथराव किये गये। भरत की तपःस्थली नन्दीग्राम भी इन जेहादियो के आक्रमण से अछूती नही रही। जब हिन्दू समाज ने इसका शान्तिपूर्ण प्रतिरोध किया, तो इसका जवाब इन जेहादियो ने युद्धस्तर पर दिया। कई स्थानो पर राशन की दुकानो से मुस्लिम दंगाइयो को मिट्टी के तेल का सार्वजनिक वितरण किया गया । इस तेल से कई स्थानो पर हिन्दूओ की सम्पत्तियो व दुकानो  को आग के हवाले किया गया ।वहा की पुलिस भी इन गुन्डो से इतनी आतंकित है कि उन्होने इन जेहादियो पर हाथ डालने की बात तो दूर, उल्टे हिन्दू नेताओ को ही गिरफ्तार कर उन पर झूठे केस दर्ज किये। इस पर तुर्रा यह कि जब अयोध्या के कारसेवकपुरम मे दुर्गावाहिनी के एक कार्यक्रम को सम्बोधित करने के लिये विहिप के कार्याध्यक्ष , डा. प्रवीण भाई तोगडिया जाना चाहते थे, उन्हे रोक दिया गया। जबकि मुस्लिम समाज को भडाकाने वाले मुस्लिम तथा सैक्युलरी नेताओ को खुलेआम जाने दिया जा रहा है ।  इस्लामिक सैंटर बनने की धमक से अगर यह हाल है तो उसके बनने के बाद क्या होगा  इसका जवाब अब किसी को ढूंढने की जरूरत नही है।
शीतला सिंह जी की अध्यक्षता मे बनाई गई जांच समिती इन सब षडयन्त्रो पर पर्दा डालने के लिये बनवाई गई है। इनके इरादे पूरे नही होने चाहिये। प्रत्येक देशभक्त नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह इसका भरपूर विरोध करे।

Thursday, January 10, 2013


पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसकर हमला किया है। इसमें भारत के दो जवान शहीद हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार पाक सैनिकों ने दोनों भारतीय जवानों के सिर भी काट दिए और एक का सिर साथ ले गए। हमले में दो जवान घायल भी हुए हैं। घटना मंगलवार की है। इसके बाद देर रात पाकिस्तान की ओर से पुंछ में सात पोस्ट पर गोलीबारी भी की गई। जवाब में भारतीय सेना ने भी गोलीबारी की है।

हालांकि, भारतीय सेना ने सिर काटने की खबर की पुष्टि नहीं की है। सेना ने कहा है कि एक जवान का शरीर क्षत- विक्षत अवस्था में पाया गया है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि पाकिस्‍तान के 9 बलूच रेजीमेंट के सैनिकों ने भारतीय जवानों की हत्‍या करने के बाद उनके सिर भी कुचले थे।



सिपाही से अधिक महत्वपूर्ण पाकिस्तान से इतना प्रेम ।

कश्मीर में सरहद पर भारतीय सेना पर हमले और हमारे बहादुर सिपाहियों की निर्मम हत्या ने देश की जनता के दिलो में गुस्से को नए आयाम तक पहुचा दिया है और भारतीय सत्ता धारी पार्टी और सरकार केवल पाक से करवाई करने का निवेदन करती है और प्रधानमंत्री जनता को आश्वाशन देते है मगर करवाई नहीं होती ।
देश की जनता जानना चाहती है की क्या ? 1.30 करोड़ भारतवासियों की रक्षा करने वाली सेना के साथ देश के नेता और सरकारे ऐसा व्यवहार कैसे कर सकती है , क्या ? वो माँ भारती के सपूत जिन्हें सरहद पर सहादत मिलती है वो किसी की संतान नहीं है और अब ऐसे दुर्व्यवहार पर मानवाधिकार आयोग के  रक्षक सेना के मानवाधिकार के लिए कौन लडेग या सिर्फ उनका काम आतंकवादियों , गुनहगारो और अपराधियों के लिए ही काम करते है ।


Wednesday, January 09, 2013

आज का सुविचार :
सेक्युलर सेक्युलर बोल के , ज्ञानी भया संसार ..
तोसे तो अज्ञानी भला , करे अपनी जड़ों से प्यार

Monday, January 07, 2013

भारत और इंडिया की परिभाषा से सेक्युलर मीडिया में हडकंप क्यों ?



माघ 7 -विक्रमी सवत ,2069 ।    2 दिन पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक  श्री मोहन भागवत जी के इंडिया और भारत की परिभाषा पर देश में सेक्युलर जमात और हिन्दू विरोधी लोगो को देश में दो प्रकार के देश और संस्कृति वाले बयान पर ऐसे चिलाये मानो भगवात जी ने देश गली दे दी हो और देश के करोडो लोगो का अपमान कर दिया हो ।
केवल संघ पे प्रति लोगो के मन में रोष पैदा हो इशलिये मीडिया ने बातो को ऐसे पेश किया मनो भागवत जी महिलाओ को गली दे रहे थे , हम माने या न माने देश में  दो राष्ट्र बस्ता है एक वो है जो भारतीय संस्कृति को मानता है , उसे अपनाता है और उसका पालन करता है और दूसरा इंडिया है जो पश्चिमी सभ्यता को अपना मानता है , उसे अपनाता है और पूर्ण रूप से मानता भी है , इंडिया में रहने वाले लोग न केवल अंग्रेजी भाषा को अधिक महत्व देते है बल्कि भारतीय परिधान , संस्कृति और  सभ्यता मानने से इंकार ही नहीं करते बल्कि उसका अपमान भी करते है । 21 शताब्दी के इश इंडिया में ऐसी विचारधारा के लोग सेक्युलर होते है ।
एक वक़्त था जब महिला और पुरुष अपनी मर्यादा का ख्याल रखते थे , देश को विकास के नाम पर नंगापन  और खुलापन  की सौगात देने वाली संस्कृति आज देश में अपना प्रभाव छोटी जा रही है विश्व के अनेको देश ऐसे है जो भारतीय संस्कृति को अपना रहे है । सम्मान प्राप्त करने के लिए उसके योग्य बनना  होगा आज की फिल्मो ने पुरुषो के अनुसाशन को भंग तो किया ही है रही सही कसर पश्चिमी शिक्षा प्रणाली और लडकियों ने पूरी कर दी है । ऐसा नहीं है की पूर्ण रूप से गलती लडकियों की ही है ,  स्त्री और पुरुष दोनों ही अपने मार्ग से भटकते नजर आ रहे है , दोनों अपनी मर्यादा से आगे जाने की कोशिश कर रहे है जिसका नतीजा आप बलात्कार के रूप में हम सबके सामने है । दुःख होता है की पुरुष अपनी मर्यादा कैसे भूल सकता है , और नारी तो माँ है - बेटी है - गृहणी है - देवी है -अन्नपूर्ण है -लक्ष्मी है " वो अपने संस्कारो को संजो कर न रखे तो आने वाले दिनों में देश की संतानों को उचित - अनुचित का बोध कौन करायेगा । क्या बिकनी , मिनी एस्कार्ट , ओर नजाने कितने ऐसे परिधान है जिनके करना ऐसे दुखद घटना के होने का कारण बनते है ।
ऐसे में संघ प्रमुख के द्वारा दिया गया वक्तव्य की " बलात्कार इंडिया में होते है भारत में नहीं " पूर्ण रूप से सत्य है , जब तक देश की शिक्षा प्रणाली पश्चिमी मानसिकता से आजाद नहीं होगी और स्त्री और पुरुष को नैतिकता का ज्ञान अपने परिवार में नहीं दिया जायेगा तब तक ऐसे दुखद कृत्य होते रहेंगे ।










Friday, January 04, 2013


ठाकरे के साथ समाप्त हुआ शिव सेना का हिंदुत्व लक्ष्य 


-     राकेश कुमार पाण्डेय 
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कुछ दिनों से पंजाब शिव सेना इकाई के उपाध्यक्ष जगदीश कटारिया के दिए विवादित बयान ने बजरंग दल और विहिप को शिव सेना समक्ष प्रतिद्वंदी के रूप में ला खड़ा किया है ।
मैं पूर्ण रूप से बजरंग दल प्रान्त सयोजक के विचारो से सहमत हूँ , आज स्वर्गीय श्री बाला साहब ठाकरे के हिंदुत्व के स्वप्न को अधुरा करने वाला एक प्रयास  है डॉ तोगड़िया हो या मोदी सब हिन्दू है और संघ के स्वयंसेवक है और यदि वैचारिक मतभेद हो तो भी उसका निदान संगठनात्मक दृष्टी से सोचना होगा न की राजनीतिक  ।
संघ व विहिप तथा बजरंग दल जिस रूप में समाज सेवा कर रहे है वो कटारिया जी की समझ से शयद परे की बात है अन्यथा वो ऐसी मतभेद की परिस्थिति उत्पन न करते , आज जब शिव सेना भाजपा समर्थित पार्टी है तो राजनीति करना उसका स्वभाव होगा इसमें कोई दो राय नहीं है , 
समाज का कार्य करते हुए कुछ कठोर निर्णय लेना अनिवार्य हो जाता है ऐसे में व्यक्तिगत स्वार्थ से हट कर देश और समाज का हित अनिवार्य हो जाता है और दायेत्व भी अधिक हो हटा है फिर विबाद उत्पन कर के न केवल संगठन बल्कि स्वयं के लिए भी विकट परिस्थिति का निर्माण हो जाता है , जो न समाज के हित में है और ना ही राजनीति के हित में ।
अब समय आ गया है की शिव सेना ये पूर्ण रूप से बताये की वो संघ परिवार और विहिप के साथ हिंदुत्व और देश सेवा करना चाहती है या केवल राजनीती , राजनीती और हिंदुत्व दोनों का संतुलन बनाये रखने के लिए अब न तो श्री बाल ठाकरे है और नहीं रज्जू भैया , विहिप और पुरे संघ परिवार को अब राजनीती की मंशा रखने वाले ढोंगियों से सावधान रहने की आवश्यकता है ।




Thursday, January 03, 2013

लाखो ओवासी  है देश में - हिन्दू विरोधीयो का मुस्लिम मंच 

माघ 2 विक्रमी संवत 2069 ।


आज़ादी की नीव रखने वाले मुस्लिम नेता निहायती शातिर साबित हुए और गाँधी - नेहरु की चंडाल चोकड़ी मुर्ख साबित 
हुई , हिंदुस्तान व पाकिस्तान का निर्माण केवल धर्म आधारित था तब एक देश को मुस्लिम राष्ट्र तथा दुसरे को सर्वधर्म 
समान राष्ट्र घोषित करने के पीछे की मनसा तब के हिन्दुओ और उनके एन्टो को नहीं आयी या फिर गाँधी की देख कर 
अनदेखी करनी की निति का अनुसरण किया गया ।
नेहरु - गाँधी को इश्क ज्ञान अवश्य था की भविष्य में धार्मिक दंश जरुर जनम लेगा फिर क्यों मुर्ख जैसा कृत्य किया गया 
,या फिर सही मायने में नेहरु - गाँधी मुर्ख थे जिन्ना चालाक । आज देश के अनेको प्रदेश में मुस्लिम बहुल आबादी वाले 
क्षेत्रो में जो भयानक परिस्थिति का निर्माण हो रहा है उसका प्रत्यक्ष रूप हैदराबाद के संसद अकबरुदीन ओवासी है जो 
खुले आम हिंदुस्तान को मुस्लिम राष्ट्र घोषित करने की मांग करता है , हिन्दू की पूजा अर्चना पर प्रतिबन्ध लगाता है 
और धार्मिक भावनाओ को ठेस पहुचता है तब हमारे देश के वो लोग और राजनीती के धुरंधर क्यों लुप्त हो जाते है जिन्हें 
सेक्युलर वाद का मन्त्र केवल संघ , विहिप,बजरंग दल , और हिंदूवादी विचारधारा के लोगो के लिए ज्ञान का पिटारा 
खोल देते है और उन्हें सांप्रदायिक करार देते नहीं थकते आज न तो वो मीडिया ही उसके लिए विशेष दल से चर्चा करती है 
और नहीं अभय दुबे जैसे धुर हिन्दू विरोधी लोगो के ज्ञान का भंडार नहीं खुल रहा ।
ओवासी जैसे लोगो को न तो देश में रहने का अधिकार है बल्कि देश की भावना से खेलने वाले देशद्रोही लोगो को सजा 
देनी होगी अन्यथा देश दुनिया से हिन्दुओ का अंत निश्चित है ।


बजरंग दल दिल्ली प्रान्त में 6 दिसंबर 2012 को हुए शौर्य दिवस के कार्यक्रम की खबरे


हिन्दू चेतना पत्रिका द्वारा प्रकाशित 1-15 जनवरी 2013 



                           संघ के मुख्य पत्र पांचजन्य में प्रकाशित बजरंग दल दिल्ली की खबरे 6 जनवरी  2013 को प्रकाशित 


राजनीति में नेतिकता का अभाव - कांग्रेस को गाँधी दे सदबुधि







हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्मंत्री प्रेम कुमार धूमल जी ने "" अटल स्वास्थ सेवा "" नाम से एम्बुलेंस सेवा शुरू कि थी 

परन्तु अब वहां सरकार बदल जाने के कारन वहां कि कांग्रेसी सरकार ने इस योजना का नाम " अटल स्वास्थ सेवा " की 

जगह "" इंदिरा या राजीव "" करने का मन बनाया है .. !!!

क्या इस देश मे गाँधी नेहरु  खानदान के अलावा कोई रहता ही नहीं है क्या ? क्या देश की प्रत्येक वस्तु व स्थान पर 

केवल गाँधी - नेहरु परिवार का ही अधिकार है क्या देश में महा पुरुषो का आकाल हो गया है , या फिर कांग्रेस की 

पारिवारिक जागीरदारी प्रणाली सम्पूर्ण देश में लागु हो गई है , भारतीय राजनीति क्या विश्व राजनीति में भी अगर कोई 

एक नाम बिना किसी विवाद के कभी लिया जाएगा तो वह नाम होगा अटल जी , हिमाचल प्रदेश में केंद्र सरकार के 

ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत चल रही अटल स्वास्थ्य योजना का नाम शीघ्र ही बदल सकता है। प्रदेश सरकार ने इस 

योजना का नाम बदलने की कवायद शुरू कर दी है। कांग्रेस सरकार इस योजना को आपात स्वास्थ्य सेवा योजना के नाम 

से चलाने की सोच रही है। इसके लिए वाकायदा मसौदा तैयार किया जा रहा है ताकि इसे मंत्रिमंडल की बैठक में ले 

जाकर उसकी मंजूरी ली जा सके।प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने इस बात के संकेत दिए हैं कि सरकार अटल 

स्वास्थ्य योजना का नाम बदलने की सोच रही है। कौल सिंह ठाकुर ने आज शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक 

बातचीत में यह बात कही ! मैं हिमाचल प्रदेश के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री राजा बीर भद्र सिहं को बधाई देना चाहूँगा कि 

कोंग्रेस सरकार के सता में आने के बाद वो  सबसे पहला और सबसे भद्दा विकास कार्य ये कर रहे हैं !पहले महीने ही 

अपनी घटिया राजनीति का सबूत दे रहे हैं हमारे मुख्यमंत्री व्  प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह !मेरी समझ में ये नहीं आ 

रहा की क्या जरूरत है नाम बदलने की ! क्या यही वो बदलाव या विकास का वायदा है जो कांग्रेसी कर रहे थे या कह रहे 

थे की जनता बदलाव चाहती है और वो बदलाव इस बार होगा !

सरकार प्रदेश के लोगों को विकास के नाम पर केवल भरमा रही है !किसी योजना का पुन: नामकरण करना मेरे ख्याल से 

इतना महत्त्व नहीं रखता जितना कि प्रदेश की जनता की उमीदों पर खरा उतरना !

Tuesday, January 01, 2013

तोगड़िया का अपमान 100 करोड़ हिन्दू का अपमान


 माघ 2 विक्रमी संवत 2069 ।

गत दिनों में विहिप के डॉ प्रवीन तोगड़िया के लिए जिस प्रकार के अपशब्दों का प्रयोग शिव सेना व अन्य विरोधी लोगो के द्वारा किया गया ये एक सोची समझी रणनिति का परिचायक है , मुझे बहुत आश्चर्य हो रहा है की हिन्दू समाज के लिए समर्पित भाव से कार्य करने वाले डॉ प्रवीन तोगड़िया के लिए हिन्दूवादी संगठनो के जिम्मेदार लोग ऐसे अपशब्दों का प्रयोग करते है जहाँ तक मई देखता हु ये केवल
 राजनीती है ।
देश केवल राजनीती से नहीं शुद्ध राजनीती से चलने की कोशिस करनी करनी होगी, जिस प्रकार का समय है सको संगठित हो कर चलने की आवश्यकता है ,पिछले रोज़ शिव सेना के कटारिया जी ने डॉ तोगड़िया को कंस जैसे नाम से संबोधित किया , मुझे ऐसा लगता है की कटारिया जी स्वयं की स्वेछा से तो नहीं कहा होगा समझना होगा की इश राजनीती के पीछे कौन है ? 
गुजरात के चुनाव में हुए वैचारिक मतभेद होने के कारण विरोधियो को अवसर मिला है जिनकी राजनीती अवसरवादी है , डॉ  तोगड़िया के साथ मेरा स्वयं का अनुभव बेहद सुखद रहा है , हिन्दू समाज और देश के लिए उनका योगदान अतुलनीय है चाहे उनकी भूमिका वो बाबरी ढाचे के विध्वंस में हो या मुस्लिम आरक्षण या अन्य विषयों पर सदेव समाज के लिए कार्य करने की इच्छा और सेवा भाव के कारण लगे रहे और देश के अनेको हिन्दू युवाओ के आदर्श के रूप में स्वयं को इस्थापित किया ।
कटारिया जी को याद रहे की कश्मीर हो या बांग्लादेश या हैदराबाद , कोलकाता जहाँ भी हिन्दुओ पर अत्याचार हुआ डॉ तोगड़िया ने उसका विरोध किया और प्रत्येक कठिन कार्यों का निर्तेत्व स्वयं आगे रह कर किया , तब न तो कटारिया जी आये और न ही वो लोग जो प्रवीन तोगड़िया के द्वारा किये कार्यो के धुर विरोधी है , आज की विकट परिस्थिति में शिव सेना का नया अवतार हुआ है देश में राजनितिक हवा बाद रही है , सही मायने में ये आने वाले समय में हिन्दू वादी संगठनो को कम्जोक करेगा और दलगत राजनीती परिस्थिति को अधिक विकट बनाने के लिए सुनियोजित और पप्रायोजित रूप से हो रहे कार्यो का आगाज है ।






31 दिसंबर है गुलामी का वर्ष -नव वर्ष नहीं

31 दिसंबर है गुलामी का वर्ष -नव वर्ष नहीं 
अश्लीलता स्वतंत्रता का आधार नहीं हो सकता 

क्या इशी आज़ादी के लिए बुद्धिजीवी वर्ग के लोग सभी लोगो और भारतीय समाज को विरासत में
 देना चाहते है, अश्लीलता और नग्नता का इसे अच्छा उदाहरण नहीं होगा ।
देश की सांस्कृतिक विरासत की बात करे तो युवा वर्ग जिसे पश्चिमी सभ्यता ने ऐसा बीमार किया है की वो उसके मोह माया के जाल से स्वयम को निकलने में असमर्थ समझने लगा है जिसके करण वो
वो स्वयं को अग्रिन व विकाशसील होने के दावे करने लगा है । इसाई नव वर्ष को मनाने के लिए शराब ,शबाब व कबाब की सभ्यता प्रचलित है , शयद इसी का मानसिकता से भारतीय समाज का युवा वर्ग ग्रषित है जिसके करण अनेको अपराध होने लगे , नैतिकता के अभाव में ना केवल लड़के बल्कि लड़कियां भी ।
आज़ादी का ये अर्थ है तो देश को और देश में रहने वाले सभ्य लोगो को गुलाम बनना ज्यादा पसंद होगा ।











Spicejet Against IndianArmy

सेना के जवान से दुर्व्यवहार करते एयरलाइंस।  =========== देश के लिए जान हथेली पर ले के जाने वाले सैनिकों से इस तरह की उगाही पर  रोक लगनी चाहि...