Thursday, January 10, 2013

सिपाही से अधिक महत्वपूर्ण पाकिस्तान से इतना प्रेम ।

कश्मीर में सरहद पर भारतीय सेना पर हमले और हमारे बहादुर सिपाहियों की निर्मम हत्या ने देश की जनता के दिलो में गुस्से को नए आयाम तक पहुचा दिया है और भारतीय सत्ता धारी पार्टी और सरकार केवल पाक से करवाई करने का निवेदन करती है और प्रधानमंत्री जनता को आश्वाशन देते है मगर करवाई नहीं होती ।
देश की जनता जानना चाहती है की क्या ? 1.30 करोड़ भारतवासियों की रक्षा करने वाली सेना के साथ देश के नेता और सरकारे ऐसा व्यवहार कैसे कर सकती है , क्या ? वो माँ भारती के सपूत जिन्हें सरहद पर सहादत मिलती है वो किसी की संतान नहीं है और अब ऐसे दुर्व्यवहार पर मानवाधिकार आयोग के  रक्षक सेना के मानवाधिकार के लिए कौन लडेग या सिर्फ उनका काम आतंकवादियों , गुनहगारो और अपराधियों के लिए ही काम करते है ।


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