पाक की नापाक कारिस्तानिया और भारतीय उदारवाद की नेहरु-गाँधी नीति की देन है सरहद पर तनाव
देश जिस दौर से गुजार रहा है ऐसी विकट परिस्थिति न तो अंग्रेजो के समय थी और नहीं मुगलों के ,
आज हम सेकुलरवाद से ग्रस्त समाज के अपने ही कमजोर लोगो और सरकार के गुलाम बन कर रह गये है , हमारे देश की सरकार को केवल महगाई और मुस्लिम ही एक मात्र विकल्प नजर आते है ।
वर्तमान की सरकार न केवल महगाई को बढ़ावा दे रही है बल्कि समाज के निम्न वर्ग को पूर्ण रूप से समाप्त करने की प्रेरणा से ग्रस्त नजर आ रही है ।
ये एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है ,जिसके अंतर्गत देश में माध्यम वर्ग और निम्न वर्ग को गरीब बना कर धर्मान्तरण के लिए मजबूर किया जा सके , भारत की सांस्कृतिक और अध्यात्मिक वयवस्था को छिन विछिन करने का षड्यंत विदेशों में बैठे इस्लाम और ईसाइयत के रहनुमा कर रहे है और देश की भूमि पर नेता उसे जमीनी हकीकत बना रहे है ।
देश जिस दौर से गुजार रहा है ऐसी विकट परिस्थिति न तो अंग्रेजो के समय थी और नहीं मुगलों के ,
आज हम सेकुलरवाद से ग्रस्त समाज के अपने ही कमजोर लोगो और सरकार के गुलाम बन कर रह गये है , हमारे देश की सरकार को केवल महगाई और मुस्लिम ही एक मात्र विकल्प नजर आते है ।
वर्तमान की सरकार न केवल महगाई को बढ़ावा दे रही है बल्कि समाज के निम्न वर्ग को पूर्ण रूप से समाप्त करने की प्रेरणा से ग्रस्त नजर आ रही है ।
ये एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है ,जिसके अंतर्गत देश में माध्यम वर्ग और निम्न वर्ग को गरीब बना कर धर्मान्तरण के लिए मजबूर किया जा सके , भारत की सांस्कृतिक और अध्यात्मिक वयवस्था को छिन विछिन करने का षड्यंत विदेशों में बैठे इस्लाम और ईसाइयत के रहनुमा कर रहे है और देश की भूमि पर नेता उसे जमीनी हकीकत बना रहे है ।
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