माघ 7 -विक्रमी सवत ,2069 । 2 दिन पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी के इंडिया और भारत की परिभाषा पर देश में सेक्युलर जमात और हिन्दू विरोधी लोगो को देश में दो प्रकार के देश और संस्कृति वाले बयान पर ऐसे चिलाये मानो भगवात जी ने देश गली दे दी हो और देश के करोडो लोगो का अपमान कर दिया हो ।
केवल संघ पे प्रति लोगो के मन में रोष पैदा हो इशलिये मीडिया ने बातो को ऐसे पेश किया मनो भागवत जी महिलाओ को गली दे रहे थे , हम माने या न माने देश में दो राष्ट्र बस्ता है एक वो है जो भारतीय संस्कृति को मानता है , उसे अपनाता है और उसका पालन करता है और दूसरा इंडिया है जो पश्चिमी सभ्यता को अपना मानता है , उसे अपनाता है और पूर्ण रूप से मानता भी है , इंडिया में रहने वाले लोग न केवल अंग्रेजी भाषा को अधिक महत्व देते है बल्कि भारतीय परिधान , संस्कृति और सभ्यता मानने से इंकार ही नहीं करते बल्कि उसका अपमान भी करते है । 21 शताब्दी के इश इंडिया में ऐसी विचारधारा के लोग सेक्युलर होते है ।
एक वक़्त था जब महिला और पुरुष अपनी मर्यादा का ख्याल रखते थे , देश को विकास के नाम पर नंगापन और खुलापन की सौगात देने वाली संस्कृति आज देश में अपना प्रभाव छोटी जा रही है विश्व के अनेको देश ऐसे है जो भारतीय संस्कृति को अपना रहे है । सम्मान प्राप्त करने के लिए उसके योग्य बनना होगा आज की फिल्मो ने पुरुषो के अनुसाशन को भंग तो किया ही है रही सही कसर पश्चिमी शिक्षा प्रणाली और लडकियों ने पूरी कर दी है । ऐसा नहीं है की पूर्ण रूप से गलती लडकियों की ही है , स्त्री और पुरुष दोनों ही अपने मार्ग से भटकते नजर आ रहे है , दोनों अपनी मर्यादा से आगे जाने की कोशिश कर रहे है जिसका नतीजा आप बलात्कार के रूप में हम सबके सामने है । दुःख होता है की पुरुष अपनी मर्यादा कैसे भूल सकता है , और नारी तो माँ है - बेटी है - गृहणी है - देवी है -अन्नपूर्ण है -लक्ष्मी है " वो अपने संस्कारो को संजो कर न रखे तो आने वाले दिनों में देश की संतानों को उचित - अनुचित का बोध कौन करायेगा । क्या बिकनी , मिनी एस्कार्ट , ओर नजाने कितने ऐसे परिधान है जिनके करना ऐसे दुखद घटना के होने का कारण बनते है ।
ऐसे में संघ प्रमुख के द्वारा दिया गया वक्तव्य की " बलात्कार इंडिया में होते है भारत में नहीं " पूर्ण रूप से सत्य है , जब तक देश की शिक्षा प्रणाली पश्चिमी मानसिकता से आजाद नहीं होगी और स्त्री और पुरुष को नैतिकता का ज्ञान अपने परिवार में नहीं दिया जायेगा तब तक ऐसे दुखद कृत्य होते रहेंगे ।
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