आज सप्रसंग की सरकार आये दिन एक नए घोटाले का सामना कर रही है वही दूसरी ओर देश की अर्थव्यवस्था भारत के अर्थसास्त्री प्रधानमंत्री के आठो से निकलती जा रही है , आज देश की शासन व्यवस्था डॉ मनमोहन सिंह के हाथो से निकल कर कांग्रेस पार्टी के शीर्ष में बैठे नेताओ के हाथों में जा पहुची है ।
सप्रसंग कोई की सरकर ने आये दिन नए घोटाले करने का जो कीर्तिमान स्थापित किया है वो विश्व के किसी भी सता धरी दल ने नहीं किया होगा , 2009 से न जाने कितनि सम्पति का नुकसान देश और देश की को उठाना पड़ा है , गठबंधन का राग कांग्रेस हमेशा से गाती रही है अपनी इच्छाशक्ति की कमजोरी को छुपाने के लिए प्रधानमंत्री सहयोगियों पर सारा ठीकरा फोड़ देते आये है , लेकिन मनमोहन जी जनता लगी है की आपकी ईमानदारी राजनीतिक ईमानदारी से अलग है और लोगो को इससे कोई लाभ होने वाला है नहीं
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