Monday, December 31, 2012

देश के प्रति समर्पित बने विदेश के प्रति नहीं- 31 दिसंबर नहीं है भारतीय नव वर्ष


31 दिसंबर 2012 ।
नई दिल्ली :
भारत एक ऐसा देश है जहाँ किसी भी नए प्रचलन को अपनाने के लिए अधिक समय का इन्तेजार नहीं करना पड़ता , देश की युवा पीढ़ी के साथ पूर्ण समाज को अब इश्क आभाष तक नहीं है की कितनी तीव्र गति से हम सब पश्च्यात सभ्यता की और बढ़ते चले जा रहे है ।
31 दिसंबर को हमारी युवा पीढ़ी नव वर्ष के रूप में मानती है, शराब , और अश्लील पार्टी का आयोजन किया जाता है आज के दिन अनेको हादसे होते है लेकिन हमारा युवा वर्ग बड़ी तेजी से नशे और अश्लीलता को बढ़ावा दे रहा है और सरकार  विकाश के नाम पर देश की सांस्कृतिक सभ्यता और संस्कार को मिटा कर देश में केवल विदेशी सभ्यता को इस्थापित करना चाहती है ।
क्या ? देश के युवाओ को 31 दिसंबर का सत्य का ज्ञान होना आवश्यक है क्या देश की शिक्षा प्रणाली इश प्रकार की है की ये किसी को बताया जा सके की नव वर्ष की शुरुवात 31 दिसंबर नहीं बल्कि विक्रमी संवत से होती है , मेरे प्यारे भाइयो देश के प्रति समर्पित बने विदेश के प्रति नहीं







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