भारतीय संविधान और उसके निर्माण का ये घिनोना सत्य सुनकर आपके होश उड़ा जायेंगे ।
Monday, July 25, 2016
भारतीय संविधान मात्र एक छलावा
भारतीय संविधान और उसके निर्माण का ये घिनोना सत्य सुनकर आपके होश उड़ा जायेंगे ।
Thursday, July 14, 2016
सेना का विरोध करने वालो का विरोध करने वाले माँ भारती के सपूत |
इस देश का दुर्भाग्य है कि इस देश में कुछ गद्दार पैदा हुए है उन्ही गद्दारो में से एक Kavita Krishnan ने जंतर मंतर पर आतंकवादी के पक्ष में और भारत की आर्मी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थी और मेरे साथ मेरे मित्र Abhishek Mishra Abhishek Kulshrestha Ravi Bhadoria Saurabh Bhardwaj , गिरीश आनंद और रोशन पाठक, मामन चौधरी जैसे देशभक्तो और आर्मी के प्रति अपनी श्रद्धा रखने वाले राष्ट्रवादियों ने वहाँ पहुँच कर ईट का जवाब पत्थर से दिया और गद्दारो की बोलती बंद करवा दी।
भारत माता की जय | वन्दे मातरम्
https://youtu.be/VxsJ2NXZZ4o
https://youtu.be/FMAtzVHgml8
भारत माता की जय | वन्दे मातरम्
https://youtu.be/VxsJ2NXZZ4o
https://youtu.be/FMAtzVHgml8
वामपंथियों का झूठा कश्मीर प्रेम |
कश्मीर में सेना की कार्यवाही पर शोर मचाने वाले दलाल पत्रकारों, देशविरोधी वामपंथियों, झूठे धर्मनिरपेक्षता के ठेकेदारों को यह दिखाईनही देता या देखना अपराध लागता है|
Kavita Krishnan जैसी जाहिल लोगो को आतंकियों के मारे जाने पर विधवा विलाप करने लगते है पर जब कश्मीर के उभरते आतंकी युवा यह दृश्य प्रस्तुत करते है तब Barkha DuttRavish Kumar NDTV Rajdeep Sardesai जैसे सभी दलाल पत्रकारों कीआवाज ऐसे बंद होती है जैसे मानो इनके घर में मातम हो गया हो और सब अपना मुखड़ा छुपाये बैठे रहते है |
सेना का जवान आतंकियों के हाथो और कश्मीरी आतंकियों के हाथो मारा जाये तो मानवता जागृत नही होती पर जैसे ही सिपाही अपनी रक्षा में गोली चला दे तो Shabnam Hashmi को अपराध लगने लगता है लेकिन प्रश्न तब उठता है जब ये धूर्त महिला सेना को जब ये आतंकी लडाके बिना किसी नियम कायदे के गोली मार देते है तब ये Shabnam Hashmi गोली मारने के नियम और कानून का पाठ अपने मासूम मुजाहिदो को क्यों नही पढ़ाती तब Kavita Krishnan शैला रशीद जैसे महान बुद्धिजीवीयो को लकवा मार जाता है |
Kavita Krishnan जैसी जाहिल लोगो को आतंकियों के मारे जाने पर विधवा विलाप करने लगते है पर जब कश्मीर के उभरते आतंकी युवा यह दृश्य प्रस्तुत करते है तब Barkha DuttRavish Kumar NDTV Rajdeep Sardesai जैसे सभी दलाल पत्रकारों कीआवाज ऐसे बंद होती है जैसे मानो इनके घर में मातम हो गया हो और सब अपना मुखड़ा छुपाये बैठे रहते है |
सेना का जवान आतंकियों के हाथो और कश्मीरी आतंकियों के हाथो मारा जाये तो मानवता जागृत नही होती पर जैसे ही सिपाही अपनी रक्षा में गोली चला दे तो Shabnam Hashmi को अपराध लगने लगता है लेकिन प्रश्न तब उठता है जब ये धूर्त महिला सेना को जब ये आतंकी लडाके बिना किसी नियम कायदे के गोली मार देते है तब ये Shabnam Hashmi गोली मारने के नियम और कानून का पाठ अपने मासूम मुजाहिदो को क्यों नही पढ़ाती तब Kavita Krishnan शैला रशीद जैसे महान बुद्धिजीवीयो को लकवा मार जाता है |
यूपी बिहार विरोधी शीला कांग्रेस मुख्यमंत्री उमीदवार |
शीला दीक्षित जी की पदौन्नति देने में कांग्रेस ने पूरा जोर लगा दिया, केजरीवाल ने जेल भेजा हो या न भेजा हो लेकिन राज्यपाल जरुर बन दिया जेल नही भेजने का एक और कारण और था की शीला के खिलाफ उनकी सबूतों की फाइल गुम हो गई थी और अंततः अब उत्तर प्रदेश कीमुख्यमंत्री बनने वाली है|
कांग्रेस इस बार ब्राह्ममण वोट का खेल खेलने वाली है इसलिए ब्राह्ममण उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर शीला का नाम आगे लाया गया है|
शीला की इस तरक्की में समस्त भारत के स्वयम घोषित ईमानदार मुख्यमंत्री श्री युगपुरुष केजरीवाल का सबसे बड़ा हाथ है, राजनीतिक दल जानते है इस बार ब्राह्ममण किंगमेकर बनने वाला है तो उन पर प्रेम उमड़ रहा है अन्यथा यही राजनीतिक दल कल तक ब्राह्ममण को भाजपा का बंधुआ मजदूर कहते थे, कुछ लोग ब्रहामणों को जूते मारने की बाते भी करते थे, कहते थे भाजपा ब्रहामणों की पार्टी बोलते थे आज वही ब्राह्ममण कांग्रेस, कजरी, लालू, माया, यादव खेमे को पसंद आ रहे है, लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है की ................................................कांग्रेस की मुख्यमंत्री उमीदवार शीला दीक्षित वही है जिन्हें दिल्ली में घोटालो का अम्बार खड़ा करने का श्रेय प्राप्त है और विश्व के समक्ष देश को शर्मशार करने का महान कार्य किया वोभी तब जब देश विश्व खेलो की मेजबानी भारत और मुख्यरूप से दिल्ली के हाथ थी |
कांग्रेस इस बार ब्राह्ममण वोट का खेल खेलने वाली है इसलिए ब्राह्ममण उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर शीला का नाम आगे लाया गया है|
शीला की इस तरक्की में समस्त भारत के स्वयम घोषित ईमानदार मुख्यमंत्री श्री युगपुरुष केजरीवाल का सबसे बड़ा हाथ है, राजनीतिक दल जानते है इस बार ब्राह्ममण किंगमेकर बनने वाला है तो उन पर प्रेम उमड़ रहा है अन्यथा यही राजनीतिक दल कल तक ब्राह्ममण को भाजपा का बंधुआ मजदूर कहते थे, कुछ लोग ब्रहामणों को जूते मारने की बाते भी करते थे, कहते थे भाजपा ब्रहामणों की पार्टी बोलते थे आज वही ब्राह्ममण कांग्रेस, कजरी, लालू, माया, यादव खेमे को पसंद आ रहे है, लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है की ................................................कांग्रेस की मुख्यमंत्री उमीदवार शीला दीक्षित वही है जिन्हें दिल्ली में घोटालो का अम्बार खड़ा करने का श्रेय प्राप्त है और विश्व के समक्ष देश को शर्मशार करने का महान कार्य किया वोभी तब जब देश विश्व खेलो की मेजबानी भारत और मुख्यरूप से दिल्ली के हाथ थी |
शीला दीक्षित की उपलब्धिया बहुत है लेकिन विशेष रूप से ध्यान देने योग्य बात यह भी है की ......................................................शीला दीक्षित वही मुख्यमंत्री है जो दिल्ली में बिहार और उत्तरप्रदेश के लोगो के लिए अपमानजनक बयान देती थी और कहती थी की दिल्ली को गंदा कर दिया है यूपी / बिहार के लोगो ने , इस बयान पर बिहार और यूपी के सच्चे हितेषी नेताओ ने खूब शोर मचाया था और वो हितेषी ने आज कांग्रेस और शीला के साथ चाय नाश्ता करते है और चुनाव भी साथ लड़ते है और मंच पर बाहों में बाहे डालते नजर आते है|
यही वो गैरजिम्मेदार मुख्यमंत्री है जिन्होंने सडको पर बसों से मरने वाले लोगो को दोषी करार दिया और कहा था की सडक पर चलने वाले लोग मरेंगे ही वहस्वयं दोषी है वाहन चालक नही |
उत्तर प्रदेश के लोग अखिलेश को झेल चुके है अबक्या दिल्ली से निकले विफल मुख्यमंत्री को अपना समर्थन देंगे ?
Friday, July 08, 2016
रविश द्वारा एम जे अकबर को लिखा गया भावनात्मक पत्र साहनुभूति की भिक्षा
Ravish Kumar NDTV द्वारा एम जे अकबर को लिखा गया भावनात्मक पत्र केवल इसलिए लिखा गया ताकि लोगो की साहनुभूति की भिक्षा प्राप्त कर सके !
रविश कोई पहले और एकमात्र पत्रकार नही है जिन्हें यह सब सुनने को मिला, लेकिन उनको यह दर्द क्यों जागा आज उसके कुछ कारण है ?
क्या रविश, राजदीप, बरखा, आशुतोष,खेतान,सागरिका,प्रणवराय, को उनके एक पार्टी के पक्षधर हो कर पत्रकारिता करने पर आलोचनाओ का अवसर प्राप्त हुआ है| लेकिन रविश ने माँ शब्द का प्रयोग किया क्योंकि भावनात्मक रूप से लोगो को बरगला सके, लेकिन क्या रविश ने कभी एक पत्र उन लोगो के नाम लिखा जो उनके वामपंथी,केजरीपंथी,कांग्रेसपंथि और रविशपंथि विचारधारा के अंधभक्तो ने रोहित सरदाना, सुधीर चौधरी, Smriti Zubin Irani , Narendra Modi और उन करोड़ो भारतीय युवाओ, जवानों और राष्ट्रीय हित में बोलने वाले युवाओ - युवतियों के लिए बेहद अपमानजनक शब्दों, गालियों, बेबुनियादी आरोपों का पूरा रसायन विज्ञानं से भी अधिक जटिल पुस्तक लिख दी तब आपकी प्रतिक्रिया क्यों नही आई ?
जब देश विरोधी नारे लगे तब अपने ही एक पत्रकार का विरोध किया क्योंकि उसने वामपंथियों को मुहतोड़ जवाब दिया था तब आपने दोहरे मापदंड अपना कर पत्रकारिता को कलंकित किया !
केवल नकारात्मक भाव दिखाना आपकी प्राथमिकता है, लंबे समय से Ravish Kumar NDTV के प्राइम टाइम का दर्शक रहा हूँ , लेकिन दोहरी मंशिकता की पत्रकारिता कोदेखते हुए टीवी का चैनल बदलना पड़ता है ऐसा अनेको लोगो को करते देखा है तब आप कहने लगे टीरापी का राग और याद आया की ये सब
भाजपा, संघ, मोदी के समर्थक है तो बता दू की यही संघ,भाजपा,मोदी सर्मथक आपकी टीरपी बनाते थे तब अच्छे लगते थे लेकिन आपकी गंदी स्तर की पत्रकारिता का स्वरुप आपको दिखाने लगे तो आज वो सभी लोग बुरे हो गये और आज जब टीरपी आनी बंद होगई तब आपको यह दर्शाने की जरुरात आन पड़ी कीआप टीरपी की पत्रकारिता नही करते, लेकिन विषय गंभीर है की आपने कभी आत्ममंथन किया है क्या ? की ऐसा क्यों हुआ क्यों जो लोग कल तक समर्थक थे आज आलोचक हो गये, केवल भावनात्मक पत्र लिखने से सही और गलत का भेद नही मिट जाता |
रोहित सरदाना के पत्र को पढिये आपके पत्रकार होने की गलतफहमी दूर हो जाएगी, क्योंकि वो पत्र पढना आपके लिए इसलिए भीआवश्यक है क्योंकि यह आपको समझ आये की पत्रकारिता और दलाली में क्याअंतर होता है !
अपने जमीर को मार कर झूठ का प्रचार करना पत्रकारिता नही !
अपनी माँ आ आदर सभी करते है लेकिन भारत माँ राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में है उसका अनादर करना आपको शोभा नही देता आप एक अच्छे पत्रकार है , अपनी माँ का सम्मानजरुर कीजिये लेकिन दुसरे की माँ का अपमान करने का आपका भाव आपकी माँ के द्वारा दिए संस्कारो का अपमान है , अधिक लिखने की आवश्यकता नही आप बुद्धिजीवी है सब समझते है और विश्लेष्ण भी अच्छा कर लेते है तो इस पत्र का उत्तर अवश्य दीजियेगा विशेषरूप से यह की किन कारणों से आप राष्ट्र्विरोधियो और चोरो का सच दिखाने वाले अर्नब, रोहित, सुधीर के धुरविरोधी है और उनके भी जो भारत माता की जय बोलते है और लाल सलाम का नारा बुलंद नही करते |
रविश कोई पहले और एकमात्र पत्रकार नही है जिन्हें यह सब सुनने को मिला, लेकिन उनको यह दर्द क्यों जागा आज उसके कुछ कारण है ?
क्या रविश, राजदीप, बरखा, आशुतोष,खेतान,सागरिका,प्रणवराय, को उनके एक पार्टी के पक्षधर हो कर पत्रकारिता करने पर आलोचनाओ का अवसर प्राप्त हुआ है| लेकिन रविश ने माँ शब्द का प्रयोग किया क्योंकि भावनात्मक रूप से लोगो को बरगला सके, लेकिन क्या रविश ने कभी एक पत्र उन लोगो के नाम लिखा जो उनके वामपंथी,केजरीपंथी,कांग्रेसपंथि और रविशपंथि विचारधारा के अंधभक्तो ने रोहित सरदाना, सुधीर चौधरी, Smriti Zubin Irani , Narendra Modi और उन करोड़ो भारतीय युवाओ, जवानों और राष्ट्रीय हित में बोलने वाले युवाओ - युवतियों के लिए बेहद अपमानजनक शब्दों, गालियों, बेबुनियादी आरोपों का पूरा रसायन विज्ञानं से भी अधिक जटिल पुस्तक लिख दी तब आपकी प्रतिक्रिया क्यों नही आई ?
जब देश विरोधी नारे लगे तब अपने ही एक पत्रकार का विरोध किया क्योंकि उसने वामपंथियों को मुहतोड़ जवाब दिया था तब आपने दोहरे मापदंड अपना कर पत्रकारिता को कलंकित किया !
केवल नकारात्मक भाव दिखाना आपकी प्राथमिकता है, लंबे समय से Ravish Kumar NDTV के प्राइम टाइम का दर्शक रहा हूँ , लेकिन दोहरी मंशिकता की पत्रकारिता कोदेखते हुए टीवी का चैनल बदलना पड़ता है ऐसा अनेको लोगो को करते देखा है तब आप कहने लगे टीरापी का राग और याद आया की ये सब
भाजपा, संघ, मोदी के समर्थक है तो बता दू की यही संघ,भाजपा,मोदी सर्मथक आपकी टीरपी बनाते थे तब अच्छे लगते थे लेकिन आपकी गंदी स्तर की पत्रकारिता का स्वरुप आपको दिखाने लगे तो आज वो सभी लोग बुरे हो गये और आज जब टीरपी आनी बंद होगई तब आपको यह दर्शाने की जरुरात आन पड़ी कीआप टीरपी की पत्रकारिता नही करते, लेकिन विषय गंभीर है की आपने कभी आत्ममंथन किया है क्या ? की ऐसा क्यों हुआ क्यों जो लोग कल तक समर्थक थे आज आलोचक हो गये, केवल भावनात्मक पत्र लिखने से सही और गलत का भेद नही मिट जाता |
रोहित सरदाना के पत्र को पढिये आपके पत्रकार होने की गलतफहमी दूर हो जाएगी, क्योंकि वो पत्र पढना आपके लिए इसलिए भीआवश्यक है क्योंकि यह आपको समझ आये की पत्रकारिता और दलाली में क्याअंतर होता है !
अपने जमीर को मार कर झूठ का प्रचार करना पत्रकारिता नही !
अपनी माँ आ आदर सभी करते है लेकिन भारत माँ राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में है उसका अनादर करना आपको शोभा नही देता आप एक अच्छे पत्रकार है , अपनी माँ का सम्मानजरुर कीजिये लेकिन दुसरे की माँ का अपमान करने का आपका भाव आपकी माँ के द्वारा दिए संस्कारो का अपमान है , अधिक लिखने की आवश्यकता नही आप बुद्धिजीवी है सब समझते है और विश्लेष्ण भी अच्छा कर लेते है तो इस पत्र का उत्तर अवश्य दीजियेगा विशेषरूप से यह की किन कारणों से आप राष्ट्र्विरोधियो और चोरो का सच दिखाने वाले अर्नब, रोहित, सुधीर के धुरविरोधी है और उनके भी जो भारत माता की जय बोलते है और लाल सलाम का नारा बुलंद नही करते |
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