"हिंदू
धर्म दुनिया में सबसे प्राचीन धर्म है. यह सनातन धर्म के रूप में भी जाना
जाता है, जिसका मतलब है 'सत्य का अनन्त पथ' । वास्तव में यह दुनिया का
एकमात्र धर्म है, जो धर्मान्तरण को बाध्य नहीं करता ।
यह एक धर्म से अधिक है, यह जीवन का एक रास्ता है । यह धर्म किसी इंसान द्वारा बनाया नहीं गया , किसी नबी द्वारा स्थापित नहीं किया गया ।इसका तो कोई मूल और कोई अंत नहीं है । यह स्वतंत्रता का धर्म है और अधिकांश अन्य धर्मों के विपरीत, यह विश्वास और पूजा की विधा की पूर्ण स्वतंत्रता की अनुमति देता है । वास्तव में, यह दुनिया में एक मात्र धर्म है, जो मनुष्य द्वारा अपनी इच्छा एवं विधि से सर्वशक्तिमान की अराधना के अधिकार को सम्मान देता है ।
हिंदू धर्म के इतिहास से साबित कर दिया है कि यह एक जीवंत शक्ति है । शत्रुतापूर्ण शासकों और विदेशी हमलावरों के प्रयत्नों के बाद भी यह निर्वासित नहीं है क्योंकि यह आत्म-अनुभव और आत्म - बोध का धर्म है । यह किसी भी हठधर्मिता अथवा नियमावली पे अंधविश्वास करने पर आधारित नहीं है अतः इसमें आस्तिकता को भी स्वीकार किया गया है । इसके बाद भी सनातन धर्म में सर्वशक्तिमान परमेश्वर की करीबी समझ और संबंध हैं ।.."
यह एक धर्म से अधिक है, यह जीवन का एक रास्ता है । यह धर्म किसी इंसान द्वारा बनाया नहीं गया , किसी नबी द्वारा स्थापित नहीं किया गया ।इसका तो कोई मूल और कोई अंत नहीं है । यह स्वतंत्रता का धर्म है और अधिकांश अन्य धर्मों के विपरीत, यह विश्वास और पूजा की विधा की पूर्ण स्वतंत्रता की अनुमति देता है । वास्तव में, यह दुनिया में एक मात्र धर्म है, जो मनुष्य द्वारा अपनी इच्छा एवं विधि से सर्वशक्तिमान की अराधना के अधिकार को सम्मान देता है ।
हिंदू धर्म के इतिहास से साबित कर दिया है कि यह एक जीवंत शक्ति है । शत्रुतापूर्ण शासकों और विदेशी हमलावरों के प्रयत्नों के बाद भी यह निर्वासित नहीं है क्योंकि यह आत्म-अनुभव और आत्म - बोध का धर्म है । यह किसी भी हठधर्मिता अथवा नियमावली पे अंधविश्वास करने पर आधारित नहीं है अतः इसमें आस्तिकता को भी स्वीकार किया गया है । इसके बाद भी सनातन धर्म में सर्वशक्तिमान परमेश्वर की करीबी समझ और संबंध हैं ।.."
No comments:
Post a Comment