सरस्वती वंदना
"ॐ सर्व मंगल मांग्लाये
शिवे सर्वथ साधिके
शरानिये त्रियाम्बिके देवी नारायणी नमस्तुते "
हे शारदे माँ हे शारदे माँ
हे शारदे माँ हे शारदे माँ
हे शारदे माँ हे शारदे माँ
हे शारदे माँ हे शारदे माँ
तू स्वर की देवी ये संगीत तुझसे
हर शब्द तेरा है हर गीत तुझसे
तू स्वर की देवी ये संगीत तुझसे
हर शब्द तेरा है हर गीत तुझसे
हम है अकेले , हम है अधूरे
तेरी शरण में हमे प्यार दे माँ
मुनियों ने समझी , गुनियों ने जानी
वेदों की भाषा , पुरानो की वाणी
मुनियों ने समझी , गुनियों ने जानी
वेदों की भाषा , पुरानो की वाणी
हम भी तो समझे , हम भी तो जाने
विद्या का हमको अधिकार दे माँ
तू श्वेत वरनी कमल पे विराजे,हाथों में वीणा,मुकुट सर पे साजे
तू श्वेत वरनी कमल पे विराजे,हाथों में वीणा,मुकुट सर पे साजे
मन से हमारे मिटाके अँधेरे ,हमको उजालों का संसार दे माँ ।।
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