ये कैसा देश प्रेम है जो इस देश की सरकारों को दिखाई नहीं देता.............?
संसद हमले के मुख्य आरोपी अफजल गुरु को फांसी दिए अब दो दिन बीत चुके है लेकिन उसकी मौत पर अब सियासत शुरू हो गई है। अफजल का परिवार जहां सरकार के फैसले का विरोध किया है तो वहीं जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी अपने बयान से साफ कर दिया है कि वो केन्द्र सरकार के इस फैसले से सहमत नहीं थे। अफजल गुरु की फांसी के विरोध में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के मुखिया यासिन मलिक ने भी कल 1 दिन का भूख हड़ताल रखा।
यासीन के मंच पर आंतकी सरगना हाफिज सईद मौजूद
संसद हमले के मुख्य आरोपी अफजल गुरु को फांसी दिए अब दो दिन बीत चुके है लेकिन उसकी मौत पर अब सियासत शुरू हो गई है। अफजल का परिवार जहां सरकार के फैसले का विरोध किया है तो वहीं जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी अपने बयान से साफ कर दिया है कि वो केन्द्र सरकार के इस फैसले से सहमत नहीं थे। अफजल गुरु की फांसी के विरोध में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के मुखिया यासिन मलिक ने भी कल 1 दिन का भूख हड़ताल रखा।
इस्लामाबाद में यासीन के इस भूख हड़ताल के दौरान उसके मंच पर आंतकी सरगना हाफिज सईद नजर आया। यासीन मलिक ने अफजल गुरु का शव उसके परिवार वालों को लिए ये भूख हड़ताल रखी थी जिसमें भारत की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शुमार आतंकी और लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद भी शामिल था। भूख हड़ताल के दौरान यासीन ने मंच से लोगों को संबोधित भी किया।
ऐसे में सवाल उठता है की यासीन का वो कौन सा जरूरी काम था जो पाकिस्तान में होना था जिसके लिए वो पाक गया था , आतंवादियों के साथ मंच पर बैठना देश की सरकार और धर्मनिपेक्षता वादी लोगो को क्यों नहीं दिखता , ऐसे में क्या मुसलमान शक के दायरे में नहीं आता । देश की परिस्थिति देख कर मुझे लगता है की आपातकाल का दौर निकट है क्यों की कुछ लोगो के बर्दास्त करने की छमता अब लगभग ख़त्म होने लगी है ।
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