ओ री चिरैया , नन्ही सी चिड़िया
अंगना में फिर आजा रे
ओ री चिरैया , नन्ही सी चिड़िया
अंगना में फिर आजा रे
अँधियारा है घना
और लहू से सना
किरणों के तिनके , अम्बर से चुन्न के
अंगना में फिर आजा रे
हमने तुझपे हजारो सितम है किये
हमने तुझपे जहाँ भर के ज़ुल्म किये
हमने सोचा नहीं , तू जो उड जाएगी
ये ज़मीन तेरे बिन सुनी रह जाएगी
किसके दम पे सजेगा मेरा अंगना
ओ री चिरैया , नन्ही सी चिड़िया
अंगना में फिर आजा रे
तेरे पंख्नो में सारे सितारे जडू
तेरी चुनर तनक सेथा सतरंगी भानु
तेरे काजल में मैं , कच्ची धुप मलू
तेरे नैनो सजा दूं नया सपना
ओ री चिरैया , नन्ही सी चिड़िया
अंगना में फिर आजा रे
ओ री चिरैया , नन्ही सी चिड़िया
अंगना में फिर आजा रे
ओ री चिरैया ........।
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