
कुछ रोज पहले भारत के सबसे बेहतर गायक सोनू निगम को कहना पड़ा की की फिल्म जगत में उन्हें काम मिलना बंद हो गया है और यदि वह पाकिस्तानी होते तो फिल्म जगत उन्हें खूब काम देता।
"कुछ इंस्टेंट वाली जेनेरेशन के टटपुँजिये सलाह दे रहे है की पाकिस्तान चले जाइये"
अब दोगली मानसिकता का दीमक समान्य टटपुँजियो में भी लग गया है। कुछ वर्ष पहले आमिर खान और मिमियाने वाले एक और खान ने भारत को असुरक्षित बताया था तब लोगो ने पाकिस्तान जाने की सलाह दी थी तो यह भाड़े से पनपे दीमक रूपी प्रजाति शोर मचा रही थी तब अभिव्यक्ति की आजादी, असुरक्षा का भाव और न जाने कहाँ - कहॉं और किस - किस में कमियां गिना रहे थे. लेकिन जैसे ही सोनू निगम बोले तब यह उन्हें पाकिस्तान भेज रहे है आखिर ऐसी दोहरी मानसिकता क्यों ?
सोनू निगम ने क्या गलत ? भारतीय फिल्म जगत में भारतीय कलाकारों की अनदेखी कर पाकिस्तानी कलाकारों को काम देना किस नीति का हिस्सा है कोई समझा नहीं पाया आज तक, फवाद खान और वीना मलिक को आर्थिक रूप से मजबूत करने का परिणाम भारत को गाली देकर समझाया लेकिन भारत के लोगो को समझ नहीं आया आखिर खुद को महान दिखाना है दुनिया के समाने।
सोनू निगम जिहादियों और उनकी फंडिंग से चलने वाले फिल्म जगत जैसे बड़े स्लीपर सैल के निशाने पर तब आये जब अजान को लेकर उन्होंने विरोध किया और अपना तर्क भी दिया, जबकि सही मायने में वह बयान किसी एक धर्म के लिए नहीं अपितु सबके लिया था लेकिन परेशानी केवल जिहादी जमात को हुई बदला लेने के लिए दाऊद गैंग उतारू है।
https://www.bhaskar.com/maharashtra/mumbai/news/sonu-nigam-says-wish-i-were-from-pakistan-01402697.html