Friday, December 08, 2017

दरबारी मानसिकता देश हित में नहीं।



भारत देश गाँधी और नेहरू का नहीं अपितु भारत के प्रति श्रद्धा, आस्था उसकी भवनाओ,संस्कृति और गौरवशाली इतिहास के प्रति सम्मान करने वाले का है | 

दरबारी मानसिकता से ग्रस्त कॉंग्रेसी नेता  Akhilesh Pratap Singh समूची कॉंग्रेस पार्टी को लगता है देश केवल गाँधी नेहरू का नहीं है, तो कृपया करके आप लोग चापलूसी और दरबारी भाषा को छोड़ कर सत्य बोलिये | 

भारत उसका है जो भारत माता, भारतीय सभ्यता संस्कृति, उसके आदर्शो, भारत के आराध्य देवो और शहीदों और भारत का मस्तक गौरवशाली बनाने वाले महापुरुषों और भारत के जवानो के प्रति अटूट सम्मान रखता है भारत उसका है गाँधी नेहरू की जागीर नहीं है भारत | भारत देश मात्र गाँधी नेहरू परिवार की जागीर नहीं जो कॉंग्रेसी और बुद्धिजीवी, वामपंथी कहते रहते है की गाँधी के देश में ये नहीं होगा, नेहरू के देश में वो नहीं होगा, अहिंसा वादी गाँधी के देश में हिंसा नहीं होगी ऐसा नहीं वैसा नहीं अब दरबारियों को कौन समझाये की भैया गाँधी ने जिस अधूरे ज्ञान को तुम्हे सिखाया है वो सम्पूर्ण ज्ञान "श्रीमद भगवत गीता" इस देश की पहचान है एक मात्र गाँधी नहीं ! 
अहिंसा परमो धर्म, धर्म हिंसा तथैव च: का अधूरा ज्ञान लिये गाँधी ने समाज को दूषित किया और नेहरू जैसे पाप को जन्म दिया तो यह उपलब्धि नहीं है | 

  • इस देश पर गाँधी और नेहरू का अधिकार कैसे ? जो व्यक्ति अपने जीवन के आधे वर्षो तक विदेशी भाषा, व्यवहार और मानसिकता से स्वयं को विदेशी समझता हो ये देश उसका कैसे ?
  • अपनी व्यक्तिगत मान हानि होने पर जिसका देश प्रेम जागे ये देश सबसे पहले उसका कैसे ?
  • जिसने स्वयं को सही साबित करने और आजादी के लिये वर्षो से संघर्ष कर रहे और कुर्बान हुये वीरो का अपमान और जनता के विश्वास का मजाक बनाया हो ये देश सबसे पहले उसका कैसे ?
  • जिस उम्र में गाँधी और नेहरू ऐय्याशी करते रहे उस उम्र में एक नौजवान देश की आजादी और माँ भर्ती के सम्मान के लिये शहीद हो गया गाँधी के षड्यंत्र के कारण तो ये देश सबसे पहले गाँधी का कैसे ?
अरे भैया ये देश शिवजी का भी है, देश महाराणा प्रताप का भी है, ये देश स्वामी विवेकानंद जी का भी है, ये देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस का भी है, ये देश सरदार पटेल का भी है और ये देश लाल बहादुर शास्त्री का भी है, डॉ राजेंद्र प्रसाद का भी है और ये देश डॉ अब्दुल कलम आजाद का भी है इस देश की पहचान केवल गाँधी -नेहरू से नहीं है गाँधी नेहरू से पूर्व का भारत की कोई पहचान नहीं थी ? 
देश भर में गांधी के नाम से 53 मुख्य मार्ग हैं, उस व्यक्ति के आगे पूरा राष्ट्र ऐसे समर्पित किया कॉंग्रेसियो और भारत की भोली भाली जनता ने जिसने जिन्ना वाले जिन्न  के आगे अपना सर्वोच्च समर्पण कर दिया और अपने पूर्वजो की धरोहर और जमीन समझ पुरे देश को बाटने का आदेश सुना दिया ! यह ठीक उसी प्रकार से है जैसे झोपड़पट्टी में रहने वाला एक गरीब व्यक्ति जमीन कब्जा कर अपने लिये स्थान बनता है और कुछ समय बाद उस कब्जाई हुई सरकारी या किसी अन्य व्यक्ति की जमीन को दान कर दानवीर कहलाने लगता है | 
जिस गाँधी के आत्मबल के आगे संपूर्ण ब्रिटिश साम्राज्य झुक गया वो इतना खोखला और कमज़ोर निकला की एक मृत्यु शैया पर लेते जिन्ना नामक व्यक्ति के आगे   ऐसे समर्पण कर दिया था मानो गाँधी आंदोलन और कांग्रेस को नहीं अपितु ब्रिटिश सम्राज्य के साथ साथ नेहरू और जिन्ना भी गाँधी को ही चलाते थे | 


गाँधी आंतरिक रूप से इतने कमजोर और झुके हुए थे कॉंग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव हो या देश के प्रधानमंत्री का चुनाव दोनों ही चुनाव में नेहरू की हार और मात्र एक या दो वोट मिलने के बाद भी गाँधी ने नेहरू को अध्यक्ष और फिर प्रधानमंत्री बनाया, सही मायने में माने तो भारत के प्रारम्भ में लोकतंत्र की सबसे पहली हत्या गाँधी और नेहरू ने की इसलिये कॉंग्रेस लोकतंत्र पर भाषण तो देती है लेकिन मानती नहीं है क्योंकि दोहरी मानसिकता तो कॉंग्रेस के खून में है | 

गाँधी को महान और पूजा योग्य बताने वाले महापुरुष ये नहीं बताते की वैचारिक मतभेद होने पर कोई किसी की हत्या के समर्थन करने वाले को अहिंसा का पुजारी कैसे बता सकते है जबकि गाँधी ने भगत सिंह की फांसी का समर्थन किया था ! असहयोग आंदोलन को बीच में छोड़कर अंग्रेजी हुकूमत की मदद करने वाले इस महापुरुष ने भगत सिंह की फांसी पर आंदोलन क्यों नहीं किया क्या भगत सिंह चीन की आजादी के लिये लड़ रहे थे केवल वैचारिक मतभेद ही तो था लेकिन उनकी फांसी  पर मौन समर्थन देने वाले इस अहिंसा के पुजारी ने हत्या अपने हाथो नहीं की लेकिन हत्यारो को अपना समर्थन दिया जैसे आज कल नेता करते है अपराध करने के लिये गुंडों से हत्या करा कर स्वयं सज्जन बने रहते है ठीक वैसे ही गाँधी ने भी किया !

गाँधी  को राजनीति में अपराध के जनक के रूप में आदर्श मानना चाहिये ये फॉर्मूला आखिर गाँधी के गुलामी बुद्धि से जो जन्मा है 

https://www.youtube.com/watch?v=fIVCujNyGv8






Spicejet Against IndianArmy

सेना के जवान से दुर्व्यवहार करते एयरलाइंस।  =========== देश के लिए जान हथेली पर ले के जाने वाले सैनिकों से इस तरह की उगाही पर  रोक लगनी चाहि...