Friday, October 05, 2012

लेख : भाजपा का बढता मुस्लिम प्रेम 


आज पुरी दुनिया मे इस्लाम जिस तरह खुद का विस्तार कर रहा है ये अपने आप मे एक चिन्ता का बात है | इस्लाम से आज दुनिया के ना जाने कितने ऐसे देश है जो परेशान है तथा आतंकि इस्लाम कि गिरफ़्त मे है,हिन्दुस्तान तो हुमेशा से इनका मुख्य केन्द्र रहा है |हिन्दुस्तान मे 90 करोड़ से अधिक हिन्दुओ के होने के पश्चात भी मुस्लिम देश कि राजनेतिक ,सामाजिक और कानूनी मामलो का फ़ैसला करता है क्योंकि एकता मे अनेकता का सही मायने मे मतलब शायद मुस्लिम अल्पसंख्यक  हि समझा और उसको माना है, राजनेताओ ने भी इस तबके को गोश की तरह खूब भुनाय है जिसमे पुरी राजनेतिक विरादरी एक दुसरे से आगे निकलना चाहति है और इसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण संघ  के प्रचारक रहे भाजपा के कदावार नेता श्री लाल कृष्ण आडवानी के सेुलरवादी नया चेहरा देख कर ही लगाता है | भाजपा के राष्ट्रीय परिषाद कि बैठक मे दिये उनके एक व्क्तव्य से लगाया जा सकता है कि खुद के उदारवादी होने का प्रमाण मुस्लिम समाज को देना होगा उनको ये दिखाना होगा कि भाजपा सेकुलर है ना कि कम्युनल, भाजपा का ये नया राग 2014 के लोकसभा के चुनावो को देख कर कहा गया, भाजपा के शीर्ष के नेताओ से अब ये कौन पुछे कि बाबरी धाचे को धव्स्त करते समय जो वादा बहुसन्ख्यक हिन्दु समाज को दिया था उसका  क्या हुआ ऐसे वक्त मे मुरली मनोहर जोशी का ये कहना कि भाजपा ने आयोध्या मे मन्दिर निर्माण का कभी वादा नही किया ये भाजपा का नया रूप है जिस पर शायद ही हिन्दु समाज यकिन कर पाये लेकिन मुरली मनोहर जोशी जैसे हिन्दुत्वादी  नेता का ऐसा बोलना बहुल-हिन्दुवादियो को अल्प्सन्ख्यक बनाने कि कोंग्रेस कि कोशिस मे एक बेहाद मज्बूत सहयोग है, देश कि राजनेतिक दशा को देख कर ये नही लग रहा कि भाजपा बिपक्ष के रूप मे कोन्ग्रेस कि मुश्किले बठा रहि है ये परिदृश्य बताते है देश मे केवल मुस्लिम हि है जिसके कारण देश के मूलवासियो कि अनदेखी कि जा रही है,गान्धी–नेहरु इस हिंदुत्ववादी समाज के प्रबाल विरोधियों के जन्मदाता रहे है जिसके कारण देश मे मुस्लिम समाज मे लगतार अपना आतंक मचा रहे है देश में कोई भी सरकार आये उसको केवल बांग्लादेसी मुस्लिम और बाबर और तुगलक की औलाद ही नजर आती है ।दिल्ली के सुभाष पार्कें जो नगर निगम कि ज़मीन पर हुआ अवैध निर्माण इसका ताजा उदाहरण है जहाँ उच्च न्यायलय के आदेश के बाद भी प्रदेश कि सत्ताधारि दल कोग्रेस ओर पुलिस प्रशासन ने मुस्लिम बोट के लिये च्च न्यायलय के आदेशो कि धज्जियाँ उड़ाने मे कोई कमी नही  की लेकिन वहीँ प्रदेश में वर्षो पुराने मंदिरों को तोड़ने में न तो प्रसाशन देरी करता है और नहीं सरकार नैतिकता तो शयद कोंग्रेसी मानसिकता और 21 वी शताव्दी के सेकुलर समाज में है ही नहीं, वरना अवैध मस्जिद को संरक्षण सभी राजनेता देते है लेकिन वैध मंदिर के लिए कोई कानून मायने नहीं रखता उसका विरोध करते है ,ऐसे मे क्या कोन्ग्रेस ओर क्या भाजपा देश कि सभी राजनेतिक दल मुस्लिम हितो कि बात करते है मुस्लिम को एक छिक भी आ जाये तो नेता से लेकर संसद तक परेशान हो जाती है लेकिन जब देश के एक ऐसे प्रदेश आसम जहां हिन्दु अल्पसंख्यक है वहा हिन्दू समाज के बच्चो, औरतों और अन्य कि निसन्श्य हत्या पर देश के एक निहायती इमानदार छवि रखने वाले प्राधनमन्त्री का बेहद निर्लज्ता से दिया वक्तव्य बेहाद निन्दनीय हि नही उस प्रादेश कि जनता के प्रति बेहाद अपमान्जनक भी था जिस प्रदेश से वह चुनाव जीत कर आते है, मनमोहन सिंह ने संसद मे ये कहना कि ऐसे विषय पर चर्चा करना उचित नही है क्या ये देश के प्रधानमन्त्री की मर्यादा के विरुद्ध नहीं है देश मे खुद ही विभाजन कि निव रख रहे है उनका ये व्क्त्व्य भी कुछ कम नही था कि देश के सँनसाधनो पर मुस्लिम का पहला अधिकार है | क्या राजनेतिक जमात इतनी कमजोर हो गई है कि केवल ऐसे अनेतिक कर्यो के द्वारा सत्ता मे बनने का हथकंडा अपना रहि है , उत्तर प्रदेश मे मुलायम सिंह तो मुस्लिम समाज के गोद लिये हुये पिता माने जाते है हिन्दु विरोधि अपने कार्यो के द्वारा वो मुस्लिम समाज के हृदय सम्राट का स्थान ले कर स्वयं को गौरवान्वित मह्सुस कर रहे है लेकिन क्या ये राजगद्दी के लिये अपने हि अस्तित्व को दाव पर लगने को सही मायने मे तैयार है भाजपा अपने मुस्लिम प्रेम मे इस तरह मगन है कि भाजपा के नेता उनके लिये अल्पसंख्यक मोर्चा तक खोल के बैठ गये है तकि मुस्लिम वोटरों को लुभा सके लेकिन ये रणनिति भी कुछ खास कारगार होती नही दिख रहि है जहां भाजपा सेकुलार होने लगी है वही राष्ट्रीये स्वयमसेवक सघ मे भी दो धारा प्रवहित होने लगी है , सघ के प्रचारक इन्द्रेस कुमार ने अल्पसंख्यको को गले लगा कर सघ कि 87 वर्ष कि साख को हि दाव पर लगा दिया है क्योकि जो स्वयंसेवक हिन्दुत्व कि कामना को ले कर सघ मे है उसके लिये ये दोहरी चोट है भाजपा से नाराजगी के बाद अब देश मे हिन्दुओ का खून पिने वालो को अपने ही मातृ संगठन मे देख कर उनको अपने अस्तित्व कि चिन्ता होने लगी है | कुछ दिनो पहले पुर्व संघ के पूर्व सरसंघचालक स्वर्गीय श्री सुदर्शान जी कि श्रधांजलि सभा के मंच पर इस्लाम और ईसाई समाज के नेताओ को संघ के मंच पर देख स्वयमसेवको के साथ विहिप जैसे प्रबल हिन्दुत्ववादियो के बीच  हैरानी का ही नही बल्कि बल्की चर्चा का विषय बन गया | ऐसे मुश्किल समय मे क्या संघ ओर भाजपा का ये कदम हिन्दुओ के जख्मो पर मरहम है या फ़िर भाजपा के लिये मुश्किलो का एक नया दौर आने का अंदेशा है ये तो वक्त ही बतायेगा लेकिन इतना तो तय है हिन्दुत्व कि नैया पार लगाने के लिये कोई हिन्दुओ का खिवया बनने को त्यार नजर आता  नहीं दिख रहा, अब ऐसे मे राजनिती मे श्याद नरेंद्र मोदी से कुछ उमीदे होगी कि इनकी कथनी और करनी शायाद एक समान हो |

-

राकेश कुमार पाण्डेय
राष्ट्रीय महासचिव युवा ब्राहमण महासभा
09717311794
email: mahaschiv.rakesh@gmail.com





Spicejet Against IndianArmy

सेना के जवान से दुर्व्यवहार करते एयरलाइंस।  =========== देश के लिए जान हथेली पर ले के जाने वाले सैनिकों से इस तरह की उगाही पर  रोक लगनी चाहि...